लत पड़ सकती है नींद की दवा की

लत पड़ सकती है नींद की दवा की

इंसोम्निया या अनिद्रा वर्तमान समय में तेजी से बढती बीमारी है। लोगों के बदलते रहन-सहन, काम के तनाव तथा और भी कई वजहों से यह बीमारी हर वर्ग के लोगों को अपनी चपेट में लेती जा रही है। आजकल तो मोबाइल की लत ने नींद को लोगों की पहुंच से और दूर कर दिया है। दिल्‍ली की वरिष्‍ठ निद्रा रोग विषेशज्ञ डॉ. मनवीर भाटिया के अनुसार अनिद्रा की मुख्यतः तीन स्थिति होती हैं। पहली नींद आने में देर, दूसरे नींद का बार-बार टूटना और तीसरे सुबह बहुत जल्दी नींद खुल जाना। यह तीनों स्थितियां अनिद्रा कहलाती हैं।

कुछ मामलों में बीमारी गंभीर होती है

डॉक्‍टर भाटिया के अनुसार अनिद्रा की बीमारी दो तरह की होती है, एक तो कम अथवा अन्य किसी तात्कालिक कारण से होती है और अधिकांश मामलों में समय के साथ खुद ही ठीक हो जाती है। कुछ मामलों में यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। खासकर रात में बिस्‍तर पर मोबाइल और लैपटॉप का इस्‍तेमाल स्थिति को और बिगाड़ रहा है। वैसे अलग-अलग लोगों में अनिद्रा के अलग-अलग कारण होते हैं और इलाज के लिए बीमारी के कारण की गहराई में जाना होता है। नई तरह की यह बीमारी नींद के चक्र में बदलाव, काम के बढ़ते बोझ, अनियमित जीवनचर्चा के कारण अपना प्रभाव बढ़ा रही है। इस बीमारी के कारण लोगों में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है।

दवा में मनमर्जी न करें

ज्यादा परेशानी की बात यह है कि नींद न आने पर लोग अपनी मर्जी से नींद अथवा सिरदर्द, बदनदर्द में उसकी दवा ले लेते हैं जो कि सही नहीं है। बिना डॉक्‍टरी सलाह के नींद की दवा लेने से इसकी लत पड़ सकती है। डॉक्टर कम अवधि की अनिद्रा और आठ दस दिनों तक नींद की दवा देते हैं मगर इसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि लोगों को इसकी लत न लगे। इसके विपरीत गंभीर स्थिति वाले मरीजों को योग और ध्यान के अलावा ऐसी विधियों को अपनाने की सलाह दी जाती है जिससे दिमाग को एकाग्रचित्त रखने में मदद मिले। यह ध्यान देने की बात है कि योग या ध्यान से तत्काल कोई चमत्कार नहीं होता बल्कि दीर्घ अवधि में फायदा पहुंचता है।

होम्‍योपैथी का सटीक इलाज का दावा

गाजियाबाद के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्‍टर बलबीर कसाना का दावा है कि होम्योपैथी में अनिद्रा का सटीक इलाज है। उनके अनुसार अनिद्रा की शिकायत अत्यधिक मानसिक या शारीरिक तनाव के कारण, दिमागी बीमारियों के कारण, किसी हल्की या गंभीर बीमारी के कारण और किसी दवा के प्रभाव के कारण हो सकती है। अलग-अलग कारणों से होने वाली शिकायत के लिए होम्योपैथी में बिना किसी दुष्परिणाम के अलग-अलग इलाज है। खास बात यह है कि होम्‍योपैथी दवाओं का साइड इफेक्‍ट नहीं होता।

योग है असरदार

अब यह बात तो एलोपैथी के डॉक्‍टर भी मानने लगे हैं कि जीवनशैली आधारित रोगों में योग बेहद असरदार है। दिल्‍ली के प्रसिद्ध योग गुरु सुनील सिंह के अनुसार आसन, प्राणायम, संगीत चिकित्सा और परहेज सभी मिलकर अनिद्रा को दूर कर सकते हैं। अनिद्रा के शिकार लोगों को धीमा ओर मधुर संगीत सुनाया जाता है जिससे उनका मन एकाग्र हो सके। इसके अलावा सूर्य नमस्कार के तहत सभी 12 क्रियाएं कराई जाती हैं। भुजंगासन, हालासन के साथ ही अनुलोम विलोम, कपालभाथि, चंद्रभेदन आदि प्राणायाम कराए जाते हैं। परहेज के तहत अनिद्रा के शिकार मरीजों को चाय-कॉफी या कैफीन युक्त किसी भी पदार्थ का सेवन पूरी तरह त्याग देना चाहिए। कार्बोनेटेड शीतल पेय पदार्थों के सेवन से भी दूर ही रहना चाहिए। 

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